विवृत योनि: Difference between revisions
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<span class="GRef"> तत्त्वार्थसूत्र/2/32</span><span class="SanskritText">सचित्तशीतसंवृताः सेतरा मिश्राश्चैकशस्तद्योनयः । </span> <span class="HindiText">=सचित, शीत और संवृत तथा इनकी प्रतिपक्षभूत अचित, उष्ण और '''विवृत''' तथा मिश्र अर्थात् सचित्तचित्त, शीतोष्ण और संवृत-विवृत ये उसकी अर्थात् जन्म की योनियाँ हैं ।32। </span><br /> | |||
<span class="GRef"> (मूलाचार/1099-1101) </span> <span class="PrakritGatha">एइंदिय णेरइया संवुढजोणी इवंति देवा य । विवलिंदिया य वियडा संवुढवियडा य गब्भेसु ।1099।</span> = <span class="HindiText">एकेंद्रिय, नारकी, देव इनके संवृत (दुरुपलक्ष) योनि है, दोइंद्रिय से चौइंद्रिय तक '''विवृत योनि''' है । और गर्भजों के संवृतविवृत योनि है ।1099। </span> | |||
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Latest revision as of 12:48, 30 January 2023
तत्त्वार्थसूत्र/2/32सचित्तशीतसंवृताः सेतरा मिश्राश्चैकशस्तद्योनयः । =सचित, शीत और संवृत तथा इनकी प्रतिपक्षभूत अचित, उष्ण और विवृत तथा मिश्र अर्थात् सचित्तचित्त, शीतोष्ण और संवृत-विवृत ये उसकी अर्थात् जन्म की योनियाँ हैं ।32।
(मूलाचार/1099-1101) एइंदिय णेरइया संवुढजोणी इवंति देवा य । विवलिंदिया य वियडा संवुढवियडा य गब्भेसु ।1099। = एकेंद्रिय, नारकी, देव इनके संवृत (दुरुपलक्ष) योनि है, दोइंद्रिय से चौइंद्रिय तक विवृत योनि है । और गर्भजों के संवृतविवृत योनि है ।1099।
देखें योनि ।