एकेंद्रिय जीव: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= वनस्पतिकायिक तक के जीवों के अर्थात् पृथिवी, अप्, तेज, वायु व वनस्पति इन पाँच स्थावरों में एक अर्थात् '''प्रथम इंद्रिय''' (स्पर्शन) होती है ।22। कृमि पिपीलिका, भ्रमर और मनुष्य आदि के क्रम से एक-एक इंद्रिय अधिक होती है ।23।</p> | |||
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Latest revision as of 14:48, 12 July 2023
तत्त्वार्थसूत्र 2/22,23
वनस्पत्यन्तानामेकम् ।22। कृमिपिपीलकाभ्रमरमनुष्यादीनामेकैकवृद्धानि ।23।
= वनस्पतिकायिक तक के जीवों के अर्थात् पृथिवी, अप्, तेज, वायु व वनस्पति इन पाँच स्थावरों में एक अर्थात् प्रथम इंद्रिय (स्पर्शन) होती है ।22। कृमि पिपीलिका, भ्रमर और मनुष्य आदि के क्रम से एक-एक इंद्रिय अधिक होती है ।23।
अधिक जानकारी के लिये देखें इंद्रिय - 4।