लक्षण पंक्ति व्रत: Difference between revisions
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किसी भी दिन से प्रारंभ करके एक उपवास एक पारणा क्रम से 204 उपवास पूरे करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप करे। अपरनाम दिव्य लक्षणपंक्ति व्रत है। ( हरिवंशपुराण/34/133 ); (व्रतविधान सं./102)। | <div class="HindiText"> किसी भी दिन से प्रारंभ करके एक उपवास एक पारणा क्रम से 204 उपवास पूरे करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप करे। अपरनाम दिव्य लक्षणपंक्ति व्रत है। <span class="GRef">( हरिवंशपुराण/34/133 ); (व्रतविधान सं./102)। </span> | ||
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Latest revision as of 22:35, 17 November 2023
किसी भी दिन से प्रारंभ करके एक उपवास एक पारणा क्रम से 204 उपवास पूरे करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप करे। अपरनाम दिव्य लक्षणपंक्ति व्रत है। ( हरिवंशपुराण/34/133 ); (व्रतविधान सं./102)।