नंदिघोष: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के नंदिवर्धन नगर का समीपवर्ती एक वन । अग्निभूति और वायुभूति ब्राह्मणों का आत्म-विषय पर सत्यक मुनि से यही बाद हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 72.3-14 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) भरतक्षेत्र के नंदिवर्धन नगर का समीपवर्ती एक वन । अग्निभूति और वायुभूति ब्राह्मणों का आत्म-विषय पर सत्यक मुनि से यही बाद हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 72.3-14 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पुष्कलावती नगरी का राजा, नंदिवर्धन का पिता । इसने पुत्र को राज्य सौंपकर यशोधर मुनिराज से दीक्षा ली और विधिपूर्वक शरीर त्यागकर यह स्वर्ग में देव हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 31. 30-32 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) पुष्कलावती नगरी का राजा, नंदिवर्धन का पिता । इसने पुत्र को राज्य सौंपकर यशोधर मुनिराज से दीक्षा ली और विधिपूर्वक शरीर त्यागकर यह स्वर्ग में देव हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_31#30|पद्मपुराण - 31.30-32]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
(1) भरतक्षेत्र के नंदिवर्धन नगर का समीपवर्ती एक वन । अग्निभूति और वायुभूति ब्राह्मणों का आत्म-विषय पर सत्यक मुनि से यही बाद हुआ था । महापुराण 72.3-14
(2) पुष्कलावती नगरी का राजा, नंदिवर्धन का पिता । इसने पुत्र को राज्य सौंपकर यशोधर मुनिराज से दीक्षा ली और विधिपूर्वक शरीर त्यागकर यह स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण - 31.30-32