ज्ञानाचार: Difference between revisions
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<p> पंचविध चारित्र का एक भेद । इसमें आठ दोषों (शब्द, अर्थ आदि की भूलों) से रहित सम्यक्ज्ञान प्राप्त किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 20.173, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.55-56 </span></p> | |||
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें आचार ।
पुराणकोष से
पंचविध चारित्र का एक भेद । इसमें आठ दोषों (शब्द, अर्थ आदि की भूलों) से रहित सम्यक्ज्ञान प्राप्त किया जाता है । महापुराण 20.173, पांडवपुराण 23.55-56