उच्छिष्टावली: Difference between revisions
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<span class="GRef"> गोम्मट्टसार कर्मकांड / जीव तत्त्व प्रदीपिका टीका गाथा 744/5</span>)</p><p class="SanskritText">एतावत्स्थिताववशिष्टायां विसंयोजनोपशमनक्षपणा क्रिया नेतीदमुच्छिष्टावलिनाम् ।</p><p class="HindiText">= इतनी स्थिति अवशेष रहे विसंयोजन का उपशमन वा क्षपणा क्रिया न होई सके तातै याकौ उच्छिष्टावली कहिए।</p> <span class="GRef"> गोम्मटसार कर्मकांड अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ/24 </span><p class="HindiText">=(संपूर्ण कर्म स्थितिकी अंतिम आवली) अंत के आवली प्रमाण निषेक अवशेष रहें सो उच्छिष्टावली है।</p> | |||
<p class="HindiText">देखें [[ आवली ]]।</p> | |||
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Revision as of 10:20, 18 January 2023
गोम्मट्टसार कर्मकांड / जीव तत्त्व प्रदीपिका टीका गाथा 744/5)
एतावत्स्थिताववशिष्टायां विसंयोजनोपशमनक्षपणा क्रिया नेतीदमुच्छिष्टावलिनाम् ।
= इतनी स्थिति अवशेष रहे विसंयोजन का उपशमन वा क्षपणा क्रिया न होई सके तातै याकौ उच्छिष्टावली कहिए।
गोम्मटसार कर्मकांड अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ/24
=(संपूर्ण कर्म स्थितिकी अंतिम आवली) अंत के आवली प्रमाण निषेक अवशेष रहें सो उच्छिष्टावली है।
देखें आवली ।