यम: Difference between revisions
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<li class="HindiText"> | <li class="HindiText"> देखें - [[ लोकपाल#1 | लोकपाल / १ ]]। </li> | ||
<li class="HindiText"> भोग व उपभोग्य वस्तुओं का जो जीवन पर्यन्त के लिए त्याग किया जाता है उसको यम कहते हैं। ( | <li class="HindiText"> भोग व उपभोग्य वस्तुओं का जो जीवन पर्यन्त के लिए त्याग किया जाता है उसको यम कहते हैं। (देखें - [[ भोगोपभोग परिमाणव्रत | भोगोपभोग परिमाणव्रत ]]); </li> | ||
<li class="HindiText"> कालाग्नि विद्याधर का पुत्र था। (प. पु./८/११४) इन्द्र द्वारा इसको किष्कुपुर का लोकपाल बनाया है। (प. पु./८/११५) फिर अन्त में रावण द्वारा हराया गया था। (प. पु./८/४८१-४८५)। </li> | <li class="HindiText"> कालाग्नि विद्याधर का पुत्र था। (प. पु./८/११४) इन्द्र द्वारा इसको किष्कुपुर का लोकपाल बनाया है। (प. पु./८/११५) फिर अन्त में रावण द्वारा हराया गया था। (प. पु./८/४८१-४८५)। </li> | ||
<li class="HindiText"> | <li class="HindiText"> देखें - [[ वैवस्वत यम | वैवस्वत यम। ]]</li> | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
- देखें - लोकपाल / १ ।
- भोग व उपभोग्य वस्तुओं का जो जीवन पर्यन्त के लिए त्याग किया जाता है उसको यम कहते हैं। (देखें - भोगोपभोग परिमाणव्रत );
- कालाग्नि विद्याधर का पुत्र था। (प. पु./८/११४) इन्द्र द्वारा इसको किष्कुपुर का लोकपाल बनाया है। (प. पु./८/११५) फिर अन्त में रावण द्वारा हराया गया था। (प. पु./८/४८१-४८५)।
- देखें - वैवस्वत यम।