जरासंघ: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">―(ह.पु./सर्ग/श्लोक)–राजगृह नगर के स्वामी बृहद्रथ का पुत्र था। (१८/२१-२२)। राजगृह नगर का हरिवंशीय राजा था। (३३/२)। अपनी पुत्री जीवद्यशा का विवाह कंस के साथ करके उसे अपना सेनापति बना लिया (३३/२४)। कृष्ण द्वारा कंस मारा गया। (३६/४५)। युद्ध में स्वयं भी कृष्ण द्वारा मारा गया (५२/८३-८४)। यह तीन खण्ड का स्वामी | <p class="HindiText">―(ह.पु./सर्ग/श्लोक)–राजगृह नगर के स्वामी बृहद्रथ का पुत्र था। (१८/२१-२२)। राजगृह नगर का हरिवंशीय राजा था। (३३/२)। अपनी पुत्री जीवद्यशा का विवाह कंस के साथ करके उसे अपना सेनापति बना लिया (३३/२४)। कृष्ण द्वारा कंस मारा गया। (३६/४५)। युद्ध में स्वयं भी कृष्ण द्वारा मारा गया (५२/८३-८४)। यह तीन खण्ड का स्वामी ९वाँ प्रतिनारायण था (१८/२३) (विशेष देखें - [[ शलाका पुरुष#5 | शलाका पुरुष / ५ ]])।</p> | ||
[[जरायु | Previous Page]] | [[जरायु | Previous Page]] |
Revision as of 20:20, 28 February 2015
―(ह.पु./सर्ग/श्लोक)–राजगृह नगर के स्वामी बृहद्रथ का पुत्र था। (१८/२१-२२)। राजगृह नगर का हरिवंशीय राजा था। (३३/२)। अपनी पुत्री जीवद्यशा का विवाह कंस के साथ करके उसे अपना सेनापति बना लिया (३३/२४)। कृष्ण द्वारा कंस मारा गया। (३६/४५)। युद्ध में स्वयं भी कृष्ण द्वारा मारा गया (५२/८३-८४)। यह तीन खण्ड का स्वामी ९वाँ प्रतिनारायण था (१८/२३) (विशेष देखें - शलाका पुरुष / ५ )।