निकाचित-कर्म: Difference between revisions
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<p> कर्मों का एक भेद । ऐसे कर्म जिनका फल नियम से भोगना ही पड़ता है । इनका अन्य प्रकृति रूप संक्रमण या उत्कर्षण नहीं किया जा सकता । पद्मपुराण 72.97</p> | <p> कर्मों का एक भेद । ऐसे कर्म जिनका फल नियम से भोगना ही पड़ता है । इनका अन्य प्रकृति रूप संक्रमण या उत्कर्षण नहीं किया जा सकता । <span class="GRef"> पद्मपुराण 72.97 </span></p> | ||
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Revision as of 21:42, 5 July 2020
कर्मों का एक भेद । ऐसे कर्म जिनका फल नियम से भोगना ही पड़ता है । इनका अन्य प्रकृति रूप संक्रमण या उत्कर्षण नहीं किया जा सकता । पद्मपुराण 72.97