शीतवैताली: Difference between revisions
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<p> रूप परिवर्तन करने वाली विद्या । एक विद्याधर ने इसी विद्या से श्रीपाल को वृद्ध बनाकर उसे विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के मनोहर नगर के श्मशान में छोड़ा था । महापुराण 47.52-54</p> | <p> रूप परिवर्तन करने वाली विद्या । एक विद्याधर ने इसी विद्या से श्रीपाल को वृद्ध बनाकर उसे विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के मनोहर नगर के श्मशान में छोड़ा था । <span class="GRef"> महापुराण 47.52-54 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
रूप परिवर्तन करने वाली विद्या । एक विद्याधर ने इसी विद्या से श्रीपाल को वृद्ध बनाकर उसे विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के मनोहर नगर के श्मशान में छोड़ा था । महापुराण 47.52-54