श्रीनिलया: Difference between revisions
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
एक वापी । यह मेरु पर्वत की पश्चिमोत्तर (वायव्य) दिशा में विद्यमान चार वापियों में चौथी वापी है । हरिवंशपुराण 5.344 ।