छिन्न: Difference between revisions
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<p> अष्टांग निमित्तों में सातवां निमित्त । वस्त्र तथा शस्त्र आदि में किये गये छिद्रों को देखकर निमित्त ज्ञानी फल आदि बताते हैं । यह छिन्न निमित्तज्ञान कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 62. 181, 189, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10. 117 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> अष्टांग निमित्तों में सातवां निमित्त । वस्त्र तथा शस्त्र आदि में किये गये छिद्रों को देखकर निमित्त ज्ञानी फल आदि बताते हैं । यह छिन्न निमित्तज्ञान कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 62. 181, 189, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10. 117 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
अष्टांग निमित्तों में सातवां निमित्त । वस्त्र तथा शस्त्र आदि में किये गये छिद्रों को देखकर निमित्त ज्ञानी फल आदि बताते हैं । यह छिन्न निमित्तज्ञान कहलाता है । महापुराण 62. 181, 189, हरिवंशपुराण 10. 117