पांडित्य: Difference between revisions
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<p> संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । <span class="GRef"> महापुराण 8.86, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । <span class="GRef"> महापुराण 8.86, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । महापुराण 8.86, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47