रौद्रास्त्र: Difference between revisions
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<p> हजारों अस्त्रों से युक्त एक दिव्य अस्त्र । समुद्रविजय ने भाई वसुदेव के लिए इसका व्यवहार किया था । वसुदेव ने समुद्रविजय के इस अस्त्र को ब्रह्मशिरि-अस्त्र के द्वारा काट डाला था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 31. 122-123 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> हजारों अस्त्रों से युक्त एक दिव्य अस्त्र । समुद्रविजय ने भाई वसुदेव के लिए इसका व्यवहार किया था । वसुदेव ने समुद्रविजय के इस अस्त्र को ब्रह्मशिरि-अस्त्र के द्वारा काट डाला था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 31. 122-123 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
हजारों अस्त्रों से युक्त एक दिव्य अस्त्र । समुद्रविजय ने भाई वसुदेव के लिए इसका व्यवहार किया था । वसुदेव ने समुद्रविजय के इस अस्त्र को ब्रह्मशिरि-अस्त्र के द्वारा काट डाला था । हरिवंशपुराण 31. 122-123