शिवदत्त: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
मूलसंघ की पट्टावली के अनुसार भगवान् महावीर की मूल परंपरा में लोहाचार्य के पश्चात् वाले चार आचार्यों में आपका नाम है। समय - वी.नि.565-585 ई.38-58। - देखें [[ इतिहास#4.4 | इतिहास - 4.4]]। | मूलसंघ की पट्टावली के अनुसार भगवान् महावीर की मूल परंपरा में लोहाचार्य के पश्चात् वाले चार आचार्यों में आपका नाम है। समय - वी.नि.565-585 ई.38-58। - देखें [[ इतिहास#4.4 | इतिहास - 4.4]]। | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> महावीर की आचार्य परंपरा में लोहाचार्य के पश्चात् हुए चार आचार्यों में तीसरे आचार्य । ये अंग और पूर्व श्रुतों के एक देश ज्ञाता थे । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 1. 51 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> महावीर की आचार्य परंपरा में लोहाचार्य के पश्चात् हुए चार आचार्यों में तीसरे आचार्य । ये अंग और पूर्व श्रुतों के एक देश ज्ञाता थे । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 1. 51 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:58, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
मूलसंघ की पट्टावली के अनुसार भगवान् महावीर की मूल परंपरा में लोहाचार्य के पश्चात् वाले चार आचार्यों में आपका नाम है। समय - वी.नि.565-585 ई.38-58। - देखें इतिहास - 4.4।
पुराणकोष से
महावीर की आचार्य परंपरा में लोहाचार्य के पश्चात् हुए चार आचार्यों में तीसरे आचार्य । ये अंग और पूर्व श्रुतों के एक देश ज्ञाता थे । वीरवर्द्धमान चरित्र 1. 51