प्रभास: Difference between revisions
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<li> धातकी खंड का रक्षक व्यंतर देव- देखें [[ लोक#4.2 | लोक - 4.2 ]]। </li> | <li> धातकी खंड का रक्षक व्यंतर देव- देखें [[ लोक#4.2 | लोक - 4.2 ]]। </li> |
Revision as of 13:41, 15 August 2022
सिद्धांतकोष से
- लवण समुद्र की नैर्ऋृत्य व वायव्व दिशा में स्थित द्वीप व उसके स्वामी देव - देखें लोक - 4.1
- दक्षिण लवण समुद्र का स्वामी देव- देखें लोक - 4.1।
- धातकी खंड का रक्षक व्यंतर देव- देखें लोक - 4.2 ।
पुराणकोष से
लवणसमुद्रवासी अतिशय कांतिमान व्यंतराधिप । दिग्विजय के समय भरतेश ने इसे पराजित किया था । महापुराण 30.123
(2) तीर्थंकर महावीर के ग्यारहवें गणधर । महापुराण 74. 374 हरिवंशपुराण 3.43, वीरवर्द्धमान चरित्र 19.206-207
(3) वैशाली नगर के राजा चेटक तथा उसकी रानी सुप्रभ के दस पुत्रों में दसवां पुत्र । महापुराण 75.3-5
(4) सिंध नदी के गोपुर (द्वार) का निवासी देव इसे लक्ष्मण ने पराजित किया था । महापुराण 68.653
(5) धातकीखंड द्वीप का रक्षक देव । हरिवंशपुराण 5.638