मुहूर्त
From जैनकोष
1. मुहूर्त का प्रमाण
धवला 4/1,5,1/ गाथा 10-11/318 उच्छ्वासानां सहस्राणि त्रीणि सप्तशतानि च। त्रिसप्तति: पुनस्तेषां मुहूर्तोह्येक इष्यते।10। निमेषाणां सहस्राणि पंचभूय: शतं तथा। दश चैव निमेषा: स्युर्मुहूर्त्ते गणिता: बुधै:।11।
= 1. 3773 उच्छ्वासों का एक मुहूर्त कहा जाता है।11। ( धवला 3/1,2,6/ गाथा 36/66) 2. अथवा 5110 निमेष का एक मुहूर्त कहा जाता है।–देखें गणित - II.1.4।
2.मुहूर्त के प्रमाण संबंधी दृष्टिभेद
धवला 3/1,2,6/7 का भाषार्थ
–कितने ही आचार्य 720 प्राणों का मुहूर्त होता है, ऐसा कहते हैं ; परंतु स्वस्थ मनुष्य के उच्छ्वासों को देखते हुए उनका इस प्रकार कथन घटित नहीं होता है ... क्योंकि 720 प्राणों को 4 से गुणा करके जो गुणनफल आवे उसमें 893 और मिलाने [अर्थात् (720×4) + 893 = 2880+ 893 = 3773 उच्छ्वास] सूत्र में कहे गये मुहूर्त के उच्छ्वासों का प्रमाण होता है।...यदि 720 प्राणों का एक मुहूर्त होता है, इस कथन को मान लिया जाये तो केवल 21600 प्राणों के द्वारा ही ज्योतिषियों के द्वारा माने गये अहोरात्र का प्रमाण होता है। किंतु यहाँ आगमानुकूल कथन के अनुसार तो 193190 उच्छ्वासों के द्वारा एक अहोरात्र होता है।
3. अंतर्मुहूर्त―एक मुहूर्त से कम और एक आवली से अधिक काल प्रमाण–(देखें अंतर्मुहूर्त )।
4. भिन्नमुहूर्त–मुहूर्त से एक समय कम काल प्रमाण–देखें भिन्न मुहूर्त ।