नंदिघोष
From जैनकोष
(1) भरतक्षेत्र के नंदिवर्धन नगर का समीपवर्ती एक वन । अग्निभूति और वायुभूति ब्राह्मणों का आत्म-विषय पर सत्यक मुनि से यही बाद हुआ था । महापुराण 72.3-14
(2) पुष्कलावती नगरी का राजा, नंदिवर्धन का पिता । इसने पुत्र को राज्य सौंपकर यशोधर मुनिराज से दीक्षा ली और विधिपूर्वक शरीर त्यागकर यह स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण 31. 30-32