कवलाहार
From जैनकोष
पुराणकोष से
क्षुधा को शांत करने के लिए कवल प्रमाण ग्रासों के द्वारा किया जाने वाला आहार कवलाहार कहलाता है। मोहनीय कर्म का क्षय हो जाने पर कवलाहार की आवश्यकता नहीं पड़ती । महापुराण 25.39
सिद्धांतकोष से
- कवलाहार निर्देश–देखें आहार - I.1।
- केवली को कवलाहार का निषेध–देखें केवली - 4।