सिद्धांतकोष से
1. दान योग्य अपात्र-देखें पात्र । 2. ज्ञान योग्य अपात्र-देखें श्रोता ।
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पुराणकोष से
व्रत शील आदि से रहित, कुदृष्टिवान्, दाता एवं दत्त वस्तु को दूषित करने वाला व्यक्ति । ऐसे कुपात्र को दान देकर दाता कुमानुष योनि में जन्मता है । महापुराण 20.141-143, हरिवंशपुराण 7. 114
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