लोकस्तूप
From जैनकोष
समवसरण में विजयांगण के चारों कोनों में रहने वाले चार स्तूप । ये एक योजन ऊँचे होते हैं । इनका आकार नीचे वेत्रासन के समान, मध्य में झालर के समान होता है । इनमें लोक की रचना दर्पणतल के समान दिखाई देती है । हरिवंशपुराण 57.5, 94-96