दीति
From जैनकोष
ह.पु./२२/५१-५५ यह धरणेन्द्र की देवी है। इसने धरणेन्द्र की आज्ञा से तपभ्रष्ट नमि तथा विनमि को विद्याएँ तथा औषधियाँ दी थीं।
ह.पु./२२/५१-५५ यह धरणेन्द्र की देवी है। इसने धरणेन्द्र की आज्ञा से तपभ्रष्ट नमि तथा विनमि को विद्याएँ तथा औषधियाँ दी थीं।