Pages with the fewest revisions
Showing below up to 50 results in range #1 to #50.
- ग्रन्थ:मोक्षपाहुड़ गाथा 77 (1 revision)
- योगसार - चूलिका-अधिकार गाथा 520 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:कार्तिकेय अनुप्रेक्षा - गाथा 323 (1 revision)
- सुजोक:Leg weakness - पैरों में कमजोरी (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 1153 (1 revision)
- योगसार - निर्जरा-अधिकार गाथा 268 (1 revision)
- सुजोक:To Bring Back the taste of Tongue - जीभ का स्वाद वापस लाने के लिए (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 2143 (1 revision)
- समयसार - आत्मख्याति टीका - कलश 50 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:समयसार - गाथा 177-178 (1 revision)
- सुजोक:Acidity due to excess acid in liver - लीवर में अम्लाधिक्य से एसीडिटी (1 revision)
- सुजोक:More Attachment with water - पानी से ज्यादा मोह हो तो (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:समयसार कलश - कलश 39 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 148 (1 revision)
- सुजोक:Lower Jaw Joint Problem - निचले जबड़े के जोड़ की तकलीफ (1 revision)
- सुजोक:Unable to stand or work - खड़ा ना हो पाये या काम ना कर सके (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 13 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 2 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 100 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:भावपाहुड - गाथा 124 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 239 (1 revision)
- ग्रन्थ:प्रवचनसार - गाथा 26 - तत्त्व-प्रदीपिका (1 revision)
- ग्रन्थ:प्रवचनसार - गाथा 180 - तात्पर्य-वृत्ति (1 revision)
- ग्रन्थ:रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 18 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 877 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:पुरुषार्थसिद्धिउपाय - श्लोक 82 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:युक्त्यनुशासन - गाथा 4 (1 revision)
- ग्रन्थ:मोक्षपाहुड़ गाथा 101-102 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 114 (1 revision)
- ग्रन्थ:चारित्रपाहुड़ गाथा 15 (1 revision)
- योगसार - संवर-अधिकार गाथा 217 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 1764 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:समयसार - गाथा 138 (1 revision)
- योगसार - निर्जरा-अधिकार गाथा 261 (1 revision)
- सुजोक:Breast nodes - वक्ष (स्तन) में गांठें (1 revision)
- अतीन्द्रिय (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 1757 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:समयसार कलश - कलश 48 (1 revision)
- सुजोक:Poisoning of Hand - हाथ खराब हो जाए (काला पड़ने लगे) (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:क्षु. मनोहर वर्णी - मोक्षशास्त्र प्रवचन भाग 3 अनुक्रमणिका (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 1618 (1 revision)
- सुजोक:Burning in tongue - जीभ में जलन (1 revision)
- सुजोक:Wrist Pain or Broken Bone of wrist - कलाई में दर्द तथा कलाई की टूटी हड्डी को जोड़ने के लिये (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:द्रव्य संग्रह - गाथा 9 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 1557 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:दर्शनपाहुड - गाथा 12 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 839 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 130 (1 revision)
- वर्णीजी-प्रवचन:ज्ञानार्णव - श्लोक 1750 (1 revision)
- ग्रन्थ:प्रवचनसार - गाथा 114 - तत्त्व-प्रदीपिका (1 revision)