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- <p><span class="GRef">(चारित्रसार पृष्ठ 18/4)</span></p> ...21 KB (246 words) - 22:15, 17 November 2023
- ...ा</strong>―18 प्रकार के दोषों से रहित देव में श्रद्धान होना सम्यक्त्व है । 18 दोष कौन से हैं? रत्नकरंड श्रा ...18 KB (61 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...ा अनुभव करता है । <span class="GRef">( भगवती आराधना / विजयोदया टीका/38/134/18), ( धवला 13/5, 5, 82/348/9 ) । </span> </span><br /> <span class="GRef"> भगवती आराधना/38/134/18</span> <span class="SanskritText">निरवशेषाणि कर् ...28 KB (514 words) - 15:20, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 18 | अगला पृष्ठ ]] ...9 KB (15 words) - 11:57, 17 May 2021
- ...10 KB (48 words) - 11:57, 17 May 2021
- <span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय 2/8/18/122/8</span><p class="SanskritText"> प्रत्यक्षो न भ ...33 KB (563 words) - 22:15, 17 November 2023
- <p> <strong>(18) नरकों में आघातकृत प्रतिघात</ ...10 KB (40 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...ार्तिक अध्याय 9/34/1/629)</span> <span class="GRef">( हरिवंश पुराण सर्ग 56/18)</span> <span class="GRef">(महापुराण सर्ग संख ...38 KB (742 words) - 14:40, 27 November 2023
- <p class="HindiText" id="3"><strong>3. भगवान में 18 दोषों के अभाव का निर्देश</strong></ ...29 KB (510 words) - 22:15, 17 November 2023
- <span class="GRef"> वसुनंदि श्रावकाचार गाथा प्र. 63/18/H. L. Jain </span><br/> ...11 KB (105 words) - 22:16, 17 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:युक्त्यनुशासन - गाथा 18 | पूर्व पृष्ठ ]] ...14 KB (77 words) - 18:13, 28 November 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:चारित्रपाहुड - गाथा 18 | अगला पृष्ठ ]] ...13 KB (45 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...xt"> <p class="HindiText"> प्रथम बाह्य तप । <span class="GRef"> महापुराण 18.67-68, </span>संयम के पालन, ध्यान की स ...23 KB (470 words) - 14:39, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षपाहुड - गाथा 18 | पूर्व पृष्ठ ]] ...11 KB (39 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...<span class="GRef"> प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/ प्रक्षेपक 225-8/304/18</span> <span class="SanskritText">किंच यथा प्रथमस ...27 KB (407 words) - 15:30, 27 November 2023
- ...ण 12. हरिकांत 13. अग्निशिखी 14. अग्निवाहन 15. अमितगति 16. अमितवाहन 17. घोष 18. महाघोष 19. वेलंजन और 20. प्रभंजन ...16 KB (316 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...12 KB (301 words) - 15:15, 27 November 2023
- ...था ध्यानी संक्रामत्यविलंबितं । पुनर्व्यावर्त्तते तेन प्रकारेण स हि स्वयम् ।18।</span> = ...13 KB (216 words) - 21:40, 11 December 2023
- ...ही उसकी विपरीत दृष्टि है । जिन पुरुषों में क्षुधा तृषा रागद्वेष भय मोहादिक 18 दोष पाये जाते हैं उनको देव मा ...13 KB (42 words) - 16:32, 2 July 2021
- ...23 KB (150 words) - 22:14, 17 November 2023