शीतवैताली
From जैनकोष
रूप परिवर्तन करने वाली विद्या । एक विद्याधर ने इसी विद्या से श्रीपाल को वृद्ध बनाकर उसे विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के मनोहर नगर के श्मशान में छोड़ा था । महापुराण 47.52-54
रूप परिवर्तन करने वाली विद्या । एक विद्याधर ने इसी विद्या से श्रीपाल को वृद्ध बनाकर उसे विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के मनोहर नगर के श्मशान में छोड़ा था । महापुराण 47.52-54