अध्याहार
From जैनकोष
प्रकृति में उपयोगी हो रहे शब्द बोध के लिए गम्यमान क्रियाओं का और पदों का बाहर से आयोजन कर लेना अध्याहार कहलाता है। श्लोकवार्तिक अलंकार 1/3/53/2
प्रकृति में उपयोगी हो रहे शब्द बोध के लिए गम्यमान क्रियाओं का और पदों का बाहर से आयोजन कर लेना अध्याहार कहलाता है। श्लोकवार्तिक अलंकार 1/3/53/2