श्रुतधर
From जैनकोष
(1) एक मुनि । इन्होंने अपने तीन निर्ग्रंथ शिष्यों को अष्टांग निमित्तज्ञान का अध्ययन कराया था । इनके इन्हीं शिष्यों ने वसु राजा और पर्वत को नरकगामी तथा नारद को स्वर्ग में देव होना बताया था । महापुराण 67.262-271
(2) एक राजा । इसने भरत के साथ दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण - 88.1-2, 5