सकलकीर्ति
From जैनकोष
नन्दीसंघ बलात्कार गण की ईडर गद्दी पर यह पद्मनन्दि नं.९ के शिष्य तथा भुवनकीर्ति के गुरु, संस्कृत एवं प्राकृत वाड्मय संरक्षक, अनेकानेक ग्रन्थों के रचयिता। कृतियें मूलाचार प्रदीप, प्रश्नोत्तर श्रावकाचार, सिद्धान्तसार दीपक, तत्त्वार्थसार दीपक, आगमसार, द्वादशानुप्रेक्षा, समाधिमरणोत्साह दीपक, सार चतुर्विशतिका, सद्भाषिताबली, परमात्मराज स्तोत्र, पंचपरमेष्ठी पूजा, अष्टान्हिका पूजा, सोलहकारण पूजा, गणधरवलय पूजा, आदि पुराण, उत्तर पुराण, पुराणसार संग्रह, सुकुमाल, धन्यकुमार आदि अनेकों चारित्र ग्रन्थ। समय - जन्म वि.१४४३, पट्टाभिषेक वि.१४७९, समाधि वि.१४९९। (ई.१४२२-१४४२)। (ती./३/३२६); ( देखें - इतिहास / ७ / ४ )।