उत्पला
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से ==
सुमेरु पर्वतके नन्दन आदि तीन वनोंमें स्थित पुष्करिणी - देखें लोक - 5.6।
पुराणकोष से
मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण (आग्नेय) दिशा में स्थित पचास योजन लम्बी, दस योजन गहरी और पच्चीस योजन चौड़ी वापी । हरिवंशपुराण 5. 334-335