नेमिचंद्र
From जैनकोष
- नन्दिसंघ बलात्कार। प्रभाचन्द्र के शिष्य भानुचन्द्र के गुरु। समय–शक 478-487 (ई0556-565)। देखें इतिहास - 7.2)।
- नन्दिसंघ देशीयगण। अभयनन्दि के दीक्षाशिष्य और वीरनन्दि तथा इन्द्रनन्दि के लघु गुरु भाई अथवा विद्या शिष्य। मन्त्री चामुण्डराय के गुरु। उपाधि सिद्धान्त चक्रवर्ती। कृतियें–गोमट्टसार, लब्धिसार, शपणसार, त्रिलोकसार। समय–लगभग ई0981। ई0श010-11। (देखें इतिहास ।7/5) (जै0/1/388), (ती./2/422)।
- नन्दिसंघ देशीयगण। श्रावकाचार के कर्ता वसुनन्दि के शिष्य। उपाधि सैद्धान्तिक देव। कृति–द्रव्य संग्रह। समय–धारा नगरी के राजा भोज (वि.1075-1125) के समकालीन अर्थात् लगभग वि.1125 (ई01068)। (देखें इतिहास /7/5), (ती./2/441)
- क्षपणासार के कर्ता माधवचन्द्र त्रैविद्य (वि.1260,ई.1203) के गुरु। समय–लगभग ई01280-1210।
- अर्ध नेमिपुराण के कर्ता एक कन्नड़ कवि। समय–ई0श013/ (ती0/4/309)।
- रविव्रत कथा के कर्ता एक अपभ्रंश कवि। समय–वि0श015/(ती0/4/243)।
- नन्दिसंघ बलात्कारगण सरस्वती गच्छ। भट्टारक ज्ञानभूषण (वि01555 देखें इतिहास /7/4) के शिष्य। केशव वर्णी कृत कन्नड़ टीका (वि01416) के आधार पर गोमट्टसार की ‘जीव प्रबोधिनी’ नामक संस्कृत टीका लिखी। समय–ई0श016 का प्रारम्भ। (जै0/1/474)।