प्रलंब
From जैनकोष
- एक ग्रह- देखें ग्रह ।
- भगवती आराधना / विजयोदया टीका/1123/1130/16 प्रलंबं द्विविधं मूलप्रलंबं, अग्रप्रलंबं च । कंदमूलफलाख्यं, भूम्यनुप्रवेशि कंदमूलप्रलंबं, अंकुरप्रवालफलपत्राणि अग्रप्रलंबानि । = प्रलंब के मूल प्रलंब और अग्र प्रलंब ऐसे दो भेद हैं । कंद मूल और अंकुर जो भूमि में प्रविष्ट हुए हैं उनको मूल प्रलंब कहते हैं । अंकुर, कोमल पत्ते, फल और कठोर पत्ते इनको अग्रप्रलंब कहते हैं ।