शूद्र
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें वर्णव्यवस्था - 4।
पुराणकोष से
वृषभदेव ने कर्मभूमि का आरंभ करते हुए तीन वर्णों की स्थापना की थी― क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र । इसमें सेवा-शुश्रूषा करने वालों को शूद्र कहा गया है । इनके दो भेद बताये हैं― कारू और अकारू । महापुराण 16.183-186, 245, पद्मपुराण 3.258, 11. 202, हरिवंशपुराण 9. 39, पांडवपुराण 2.161-162