GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 141
From जैनकोष
इंदियकसायसण्णा णिग्गहिदा जेहिं सुट्ठुमग्गम्मि (१४१)
जावत्तावत्तेसिं पिहिदं पावासवच्छिद्दं ॥१४९॥
इंदियकसायसण्णा णिग्गहिदा जेहिं सुट्ठुमग्गम्मि (१४१)
जावत्तावत्तेसिं पिहिदं पावासवच्छिद्दं ॥१४९॥