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- <p><strong>न संत्यसति सम्यक्त्वे बीजाभावे तरोरिव।।32।।</strong></p> ...छठवां अक्षर दीर्घ, इतना ही उसमें नियंत्रण हैं, बाकी कैसी ही मात्रा कहीं हो 32 अक्षरों में राग बनना चाहिए । ...34 KB (70 words) - 16:35, 2 July 2021
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- [[ वर्णीजी-प्रवचन:रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 32 | पूर्व पृष्ठ ]] ...36 KB (65 words) - 16:35, 2 July 2021
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- ...पर अथवा स्वकाल मरण होने पर क्या करे।-देखें [[ सल्लेखना#3.9 | सल्लेखना - 3.9-10]]।</ul> <span class="GRef"> भगवती आराधना/246-249 </span> <span class="PrakritText">उल्लीणोलीणेह ...253 KB (3,420 words) - 21:04, 15 February 2024
- ...चारित्र में कथंचित् एकत्व अनेकत्व। - देखें [[ मोक्षमार्ग#2 | मोक्षमार्ग - 2-3]], ।</li></ul> ...458 KB (8,107 words) - 19:57, 4 June 2024