अज्ञात
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या /६/६/३२३ मदात्प्रमादाद्वानवबुध्य प्रवृत्तिरज्ञातम्।
= मद या प्रमाद के कारण बिना जाने प्रवृत्ति करना अज्ञात भाव है।
( राजवार्तिक अध्याय संख्या ६/६/४/५१२/४)।
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या /६/६/३२३ मदात्प्रमादाद्वानवबुध्य प्रवृत्तिरज्ञातम्।
= मद या प्रमाद के कारण बिना जाने प्रवृत्ति करना अज्ञात भाव है।
( राजवार्तिक अध्याय संख्या ६/६/४/५१२/४)।