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न्यायदर्शन सूत्र/5/2/13/315 हेतूदाहरणाधिकमधिकम्। = हेतु और उदाहरण के अधिक होने से अधिक नामक निग्रह-स्थान है। ( श्लोकवार्तिक 4/ न्या.222/400/15)। | <p class="SanskritText"> न्यायदर्शन सूत्र/5/2/13/315 हेतूदाहरणाधिकमधिकम्। </p> | ||
<p class="HindiText">= हेतु और उदाहरण के अधिक होने से अधिक नामक निग्रह-स्थान है। </p> | |||
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Revision as of 22:35, 22 July 2020
न्यायदर्शन सूत्र/5/2/13/315 हेतूदाहरणाधिकमधिकम्।
= हेतु और उदाहरण के अधिक होने से अधिक नामक निग्रह-स्थान है।
( श्लोकवार्तिक 4/ न्या.222/400/15)।