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| == सिद्धांतकोष से == | | <p>1. ज्ञानमें आ जाने के कारण अनादि सादि नहीं हो जाता - देखें [[ अनंत#2 | अनंत - 2]]: 2. भूत भविष्यत् कालका प्रमाण निश्चित कर देनेपर अनादि भी सादि बन जायेगा। - देखें [[ काल#3 | काल - 3]]।</p> |
| <OL start=1 class="HindiNumberList"> <LI> ज्ञानमें आ जाने के कारण अनादि सादि नहीं हो जाता - <b>देखे </b>[[अनंत]] २: </LI> | |
| <LI> भूत भविष्यत् कालका प्रमाण निश्चित कर देनेपर अनादि भी सादि बन जायेगा। - <b>देखे </b>[[काल]] ३। </LI> </OL>
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| [[Category:अ]]
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| == पुराणकोष से ==
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| <p> भरतेश द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 24.34</p>
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| <noinclude> | | <noinclude> |
| [[ अनादृष्ट | पूर्व पृष्ठ ]] | | [[ अनादर | पूर्व पृष्ठ ]] |
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| [[ अनादिनिधन | अगला पृष्ठ ]] | | [[ अनादिनय | अगला पृष्ठ ]] |
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| [[Category: पुराण-कोष]]
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| [[Category: अ]] | | [[Category: अ]] |
Revision as of 16:54, 10 June 2020
1. ज्ञानमें आ जाने के कारण अनादि सादि नहीं हो जाता - देखें अनंत - 2: 2. भूत भविष्यत् कालका प्रमाण निश्चित कर देनेपर अनादि भी सादि बन जायेगा। - देखें काल - 3।
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