अस्ति नास्ति प्रवाद
From जैनकोष
राजवार्तिक/1/20/12/-74/11 तत्र पूर्वगतं चतुर्दशप्रकारम् ।....पंचानामस्तिकायानामर्थो नयानां चानेकपर्यायै:...यत्रावभासितं तदस्तिनास्तिप्रवादम् । =पूर्वगत के उत्पादपूर्व आदि चौदह भेद हैं।
अस्तिनास्तिप्रवाद में पाँचों अस्तिकायों का और नयों का अस्ति-नास्ति आदि अनेक पर्यायों द्वारा विवेचन है।
अन्य प्रवादों की जानकारी हेतु देखें शब्द लिंगज श्रुतज्ञान विशेष
श्रुतज्ञान सम्बन्धित जानकारी के लिए देखें श्रुतज्ञान - III।