आनयन: Difference between revisions
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[[सर्वार्थसिद्धि]] अध्याय संख्या ७/३१/३६९/९ आत्माना संकल्पिते देशे स्थितस्य प्रयोजनवशाद्यत्किंचिदानयेत्याज्ञापनमानयनम्। | [[सर्वार्थसिद्धि]] अध्याय संख्या ७/३१/३६९/९ आत्माना संकल्पिते देशे स्थितस्य प्रयोजनवशाद्यत्किंचिदानयेत्याज्ञापनमानयनम्। | ||
= अपने द्वारा संकल्पित देशमें ठहरे हुए पुरुषको प्रयोजन वश किशी भी वस्तुके लानेकी आज्ञा करना आनयन है। | |||
([[राजवार्तिक | राजवार्तिक]] अध्याय संख्या ७/३१/१/५५६) |
Revision as of 08:16, 8 May 2009
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ७/३१/३६९/९ आत्माना संकल्पिते देशे स्थितस्य प्रयोजनवशाद्यत्किंचिदानयेत्याज्ञापनमानयनम्। = अपने द्वारा संकल्पित देशमें ठहरे हुए पुरुषको प्रयोजन वश किशी भी वस्तुके लानेकी आज्ञा करना आनयन है। ( राजवार्तिक अध्याय संख्या ७/३१/१/५५६)