आश्चर्यपंचक
From जैनकोष
तीर्थंकर आदि महान् पुण्याधिकारी मुनियों को आहार देने के समय होने वाले पाँच आश्चर्य― रत्नवृष्टि, देव-दुंदुभि, पुष्पवृष्टि, मंद-सुगंधित वायु-प्रवाह और अहोदान की ध्वनि । महापुराण 48.41
तीर्थंकर आदि महान् पुण्याधिकारी मुनियों को आहार देने के समय होने वाले पाँच आश्चर्य― रत्नवृष्टि, देव-दुंदुभि, पुष्पवृष्टि, मंद-सुगंधित वायु-प्रवाह और अहोदान की ध्वनि । महापुराण 48.41