उत्पातिनी: Difference between revisions
From जैनकोष
(New page: एक औषधि विद्या - <b>देखे </b>विद्या ।<br>Category:उ <br>) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
एक औषधि विद्या - < | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<p class="HindiText">एक औषधि विद्या </p> | |||
<span class="GRef">हरिवंशपुराण/22/51-73 का भावार्थ</span>–<p class="HindiText">भगवान् ऋषभदेव से नमि और विनमि द्वारा राज्य की याचना करने पर धरणेंद्र ने अनेक देवों के संग आकर उन दोनों को अपनी देवियों से कुछ विद्याएँ दिलाकर संतुष्ट किया। उन्हीं विद्याओं में से एक विद्या का नाम उत्पातिनी विद्या है।</p> | |||
<p class="HindiText">- देखें [[ विद्या ]]।</p> | |||
<noinclude> | |||
[[ उत्पात | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ उत्पाद | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: उ]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सोलह निकायों में स्थित मीर अनेक प्रकार की शक्तियों से मुक्त विद्याधरों की एक औषधि― विद्या । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_22#69|हरिवंशपुराण - 22.69]] </span></p> | |||
</div> | |||
<noinclude> | |||
[[ उत्पात | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ उत्पाद | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: उ]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
एक औषधि विद्या
हरिवंशपुराण/22/51-73 का भावार्थ–
भगवान् ऋषभदेव से नमि और विनमि द्वारा राज्य की याचना करने पर धरणेंद्र ने अनेक देवों के संग आकर उन दोनों को अपनी देवियों से कुछ विद्याएँ दिलाकर संतुष्ट किया। उन्हीं विद्याओं में से एक विद्या का नाम उत्पातिनी विद्या है।
- देखें विद्या ।
पुराणकोष से
सोलह निकायों में स्थित मीर अनेक प्रकार की शक्तियों से मुक्त विद्याधरों की एक औषधि― विद्या । हरिवंशपुराण - 22.69