उद्धभाषण: Difference between revisions
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<p> सत्यव्रत की पांच भावनाओं में एक भावना-प्रशस्तवचन बोलना― आगमानुकूल वचन बोलना । इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.119 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सत्यव्रत की पांच भावनाओं में एक भावना-प्रशस्तवचन बोलना― आगमानुकूल वचन बोलना । इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.119 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
सत्यव्रत की पांच भावनाओं में एक भावना-प्रशस्तवचन बोलना― आगमानुकूल वचन बोलना । इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं । हरिवंशपुराण 58.119