औदार्यचिंतामणि: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
भट्टारक श्रुतसागर (वि. | <p>भट्टारक श्रुतसागर (वि. 1544-1556) द्वारा रचित 458 सूत्रबद्ध प्राकृत व्याकरण </p> | ||
( | <p>( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 3/398)।</p> | ||
[[ | |||
[[Category: | |||
<noinclude> | |||
[[ औदारिक | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ औद्देशिक | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: औ]] |
Revision as of 16:58, 10 June 2020
भट्टारक श्रुतसागर (वि. 1544-1556) द्वारा रचित 458 सूत्रबद्ध प्राकृत व्याकरण
( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 3/398)।