कनकध्वज: Difference between revisions
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<p class="HindiText">(पा.पु./१७/श्लोक) दुर्योधन द्वारा घोषित आधे राज्य के लालच से इसने कृत्या नामक विद्या को सिद्ध करके (१५०-१५२) उसके द्वारा पाण्डवों को मारने का प्रयत्न किया, परन्तु उसी विद्या से स्वयं मारा गया(२०९-१९)।</p> | |||
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Revision as of 14:30, 24 December 2013
(पा.पु./१७/श्लोक) दुर्योधन द्वारा घोषित आधे राज्य के लालच से इसने कृत्या नामक विद्या को सिद्ध करके (१५०-१५२) उसके द्वारा पाण्डवों को मारने का प्रयत्न किया, परन्तु उसी विद्या से स्वयं मारा गया(२०९-१९)।