घनरथ: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) भरतक्षेत्र में महापुर नगर के राजा वायुरथ का पुत्र । इसके पिता इसे राज्य सौंपकर तपस्वी हो गय थे । महापुराण 58.80-81</p> | <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र में महापुर नगर के राजा वायुरथ का पुत्र । इसके पिता इसे राज्य सौंपकर तपस्वी हो गय थे । <span class="GRef"> महापुराण 58.80-81 </span></p> | ||
<p id="2">(2) घातकीखण्ड द्वीप के पूर्व मेरु से उत्तर की ओर विद्यमान अरिष्ट नगर के राजा | <p id="2">(2) घातकीखण्ड द्वीप के पूर्व मेरु से उत्तर की ओर विद्यमान अरिष्ट नगर के राजा पद्मरथ का पुत्र । राजा पद्मरथ ने इसे राज्य देकर संयम धारण कर लिया था । <span class="GRef"> महापुराण 60.2-11 </span></p> | ||
<p id="3">(3) राजा हेमांगद और रानी मेघमालिनी का पुत्र । महापुराण 63. 181</p> | <p id="3">(3) राजा हेमांगद और रानी मेघमालिनी का पुत्र । <span class="GRef"> महापुराण 63. 181 </span></p> | ||
<p id="4">(4) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी का राजा । इसकी दो रानियां थीं― मनोहरा और मनोरमा । मनोहरा के मेघरथ नामक पुत्र हुआ था । सांसारिक क्षणभंगुरता का विचार कर इसने राज्य मेघरथ को सौंप दिया और संयमी हो गया तपश्चर्या से घातिया कर्मों को नाश कर यह केवली हो गया । महापुराण 63. 142-144, 231-235, पद्मपुराण 20. 164-165, पांडवपुराण 5.53-60</p> | <p id="4">(4) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी का राजा । इसकी दो रानियां थीं― मनोहरा और मनोरमा । मनोहरा के मेघरथ नामक पुत्र हुआ था । सांसारिक क्षणभंगुरता का विचार कर इसने राज्य मेघरथ को सौंप दिया और संयमी हो गया तपश्चर्या से घातिया कर्मों को नाश कर यह केवली हो गया । <span class="GRef"> महापुराण 63. 142-144, 231-235, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 164-165, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5.53-60 </span></p> | ||
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Revision as of 21:40, 5 July 2020
(1) भरतक्षेत्र में महापुर नगर के राजा वायुरथ का पुत्र । इसके पिता इसे राज्य सौंपकर तपस्वी हो गय थे । महापुराण 58.80-81
(2) घातकीखण्ड द्वीप के पूर्व मेरु से उत्तर की ओर विद्यमान अरिष्ट नगर के राजा पद्मरथ का पुत्र । राजा पद्मरथ ने इसे राज्य देकर संयम धारण कर लिया था । महापुराण 60.2-11
(3) राजा हेमांगद और रानी मेघमालिनी का पुत्र । महापुराण 63. 181
(4) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी का राजा । इसकी दो रानियां थीं― मनोहरा और मनोरमा । मनोहरा के मेघरथ नामक पुत्र हुआ था । सांसारिक क्षणभंगुरता का विचार कर इसने राज्य मेघरथ को सौंप दिया और संयमी हो गया तपश्चर्या से घातिया कर्मों को नाश कर यह केवली हो गया । महापुराण 63. 142-144, 231-235, पद्मपुराण 20. 164-165, पांडवपुराण 5.53-60