घ्राण: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| == सिद्धांतकोष से == | ||
देखें [[ इन्द्रिय#1 | इन्द्रिय - 1]]। | |||
<noinclude> | |||
[[ | [[ घ्नत | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:घ]] | [[ चंचत | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: घ]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p> नासिका । पाँच इन्द्रियों में तीसरी इन्द्रिय । इन्द्रिय जय के प्रसंग में इस इन्द्रिय के विषय गन्ध पर भी विजय प्राप्त की जाती है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 14.113 </span></p> | |||
<p>च</p> | |||
<noinclude> | |||
[[ घ्नत | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ चंचत | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: घ]] |
Revision as of 21:40, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें इन्द्रिय - 1।
पुराणकोष से
नासिका । पाँच इन्द्रियों में तीसरी इन्द्रिय । इन्द्रिय जय के प्रसंग में इस इन्द्रिय के विषय गन्ध पर भी विजय प्राप्त की जाती है । पद्मपुराण 14.113
च