जरायु: Difference between revisions
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(स.सि./२/३३/१८९/१२)<span class="SanskritText"> यज्जालवत्प्राणिपरिवरणं विततमांसशोणितं तज्जरायु:। </span>=<span class="HindiText">जो जाल के समान प्राणियों का आवरण है और जो मांस और शोणित से बना है उसे जरायु कहते हैं (रा.वा./२/३३/१/१४३/३०); (गो.जी./जी.प्र./८४/२०७/४) </span> | |||
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Revision as of 15:16, 25 December 2013
(स.सि./२/३३/१८९/१२) यज्जालवत्प्राणिपरिवरणं विततमांसशोणितं तज्जरायु:। =जो जाल के समान प्राणियों का आवरण है और जो मांस और शोणित से बना है उसे जरायु कहते हैं (रा.वा./२/३३/१/१४३/३०); (गो.जी./जी.प्र./८४/२०७/४)