आ०गुणभद्र (ई.८७०-९१०) द्वारा रचित संस्कृत श्लोकबद्ध एक रचना। इसमें ९ सन्धि, व ८०० श्लोक हैं। पीछे दिल्ली निवासी पं०बखतावर सिंह ने इसका भाषा में पद्यानुवाद किया है। (देखें - गुण भद्र )। (ती./३/१४)।
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