धर्मकीर्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
Bhumi Doshi (talk | contribs) No edit summary |
||
(6 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> त्रिमलय देश में | <li> त्रिमलय देश में उत्पन्न एक प्रकांड बौद्ध नैयायिक थे। आप नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य धर्मपाल के शिष्य तथा प्रज्ञागुप्त के गुरु थे। आपके पिता का नाम कोरुनंद था। आपकी निम्न कृतियाँ न्यायक्षेत्र में अतिप्रसिद्ध हैं‒ | ||
<ol> | <ol> | ||
<li> प्रमाण वार्तिक, </li> | <li> प्रमाण वार्तिक, </li> | ||
<li> | <li> प्रमाणविनिश्चय, </li> | ||
<li> | <li> न्यायबिंदु, </li> | ||
<li> | <li> संतानांतर सिद्धि, </li> | ||
<li> | <li> संबंध परीक्षा, </li> | ||
<li> | <li> वादन्याय, </li> | ||
<li> हेतु- | <li> हेतु-बिंदु। समय‒ई.625-650 (जै./2/331)। </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
</li> | </li> | ||
<li> पद्मपुराण व हरिवंश पुराण के रचयिता | <li> पद्मपुराण व हरिवंश पुराण के रचयिता बलात्कार गणीय भट्टारक। गुरु परंपरा-त्रिभुवन कीर्ति, पद्मनंदि, यश:कीर्ति, ललितकीर्ति, धर्मकीर्ति। <strong>समय</strong>‒वि.1645-1682। तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/4/33)। | ||
</li> | </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
[[धर्मकथा | | <noinclude> | ||
[[ धर्मकथा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:ध]] | [[ धर्मचंद्र | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ध]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 18:13, 5 October 2022
- त्रिमलय देश में उत्पन्न एक प्रकांड बौद्ध नैयायिक थे। आप नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य धर्मपाल के शिष्य तथा प्रज्ञागुप्त के गुरु थे। आपके पिता का नाम कोरुनंद था। आपकी निम्न कृतियाँ न्यायक्षेत्र में अतिप्रसिद्ध हैं‒
- प्रमाण वार्तिक,
- प्रमाणविनिश्चय,
- न्यायबिंदु,
- संतानांतर सिद्धि,
- संबंध परीक्षा,
- वादन्याय,
- हेतु-बिंदु। समय‒ई.625-650 (जै./2/331)।
- पद्मपुराण व हरिवंश पुराण के रचयिता बलात्कार गणीय भट्टारक। गुरु परंपरा-त्रिभुवन कीर्ति, पद्मनंदि, यश:कीर्ति, ललितकीर्ति, धर्मकीर्ति। समय‒वि.1645-1682। तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/4/33)।