पद्म
From जैनकोष
- चक्रवर्ती की नव निधियों में से एक- देखें - शलाकापुरुष / २ ।
- अपरविदेहस्थ एक क्षेत्र- देखें - लोक / ५ / २
- काल का एक प्रमाण - देखें - गणित / I / १ । ४।
- ८ वाँ बलदेव था। अपरनाम राम था-देखें - राम।
- ९वाँ बलदेव था। अपरनाम बल था। - देखें - शलाकापुरुष / ३ ।
- म.पु./६६/श्लोक नं.पूर्व भव नं. २ में श्रीपुर नगर के राजा प्रजापाल थे (७३)। फिर अच्युत स्वर्ग में देव हुए (७४)। वर्तमान भव में ९वें चक्रवर्ती हुए। (अपरनाम महापद्म था (ह.पु./२०/१४)। विशेष परिचय - देखें - शलाकापुरुष / २ ।